Boys Shayari is not just about love and heartbreak but also about expressing attitude, confidence, and emotions poetically. Boys often use Shayari to showcase their feelings, whether their fearless attitude, deep love, silent pain, or unbreakable determination. A few well-crafted lines can define their personality, struggles, and the charm that makes them stand out.
Boys Shayari Love in Hindi
Boys have unique ways of expressing emotions, from romantic and heart-touching shayari to swag-filled attitude shayari. Some use poetry to impress their special someone, while others express their pain, motivation, or dominance through powerful words. No matter the mood, a perfect Shayari always resonates with every boy’s heart. Read More: Shayari on Life
हम भी अब मोहब्बत के काबिल नहीं रहे,
जिसे दिल दिया, वही दिल तोड़ गया।
तूने कहा था साथ निभाएगा,
अब देख, मैं ही अकेला खड़ा हूँ।
मजबूरी का नाम मत लेना यार,
जब छोड़ना ही था तो प्यार क्यों किया था?
बचपन में टूटे खिलौने जोड़ लेता था,
आज दिल टूटा है, तो कोई तरीका ही नहीं मिल रहा।
मेरा दिल भी एक किराए का मकान बन गया,
जो आता है, दो दिन ठहरता है और चला जाता है।
हम बुरा बनना भी चाहें तो क्या करें,
जिसे भी चाहा, उसने हमें अच्छा नहीं समझा।
मुझसे जलने वालों, जलते रहो,
क्योंकि जलोगे तभी तो और बड़ा बनूंगा।
हमसे मुकाबला करना है तो दम ला,
वरना जिस रास्ते पर तू है, वहां हमने रास्ते बनाए हैं।
खेलने का शौक नहीं हमें दिलों से,
जो भी आया, उसे अपना बना लिया।
हम वो नहीं जो वक्त के साथ बदल जाएं,
हम वो हैं जो वक्त आने पर वक्त को बदल दें।
प्यार करना हमारी फितरत में था,
लेकिन दर्द सहना हमारी किस्मत में लिखा था।
दिल लगाया था तुझसे,
पर अब तेरा नाम भी सुनना गवारा नहीं।
तेरी फिक्र अब भी है मुझे,
पर तुझे जताना बंद कर दिया।
जो दिल से उतरे, वो किसी लायक नहीं,
जो दिल में रहे, वो किसी और का हो गया।
तेरी हंसी भी कमाल करती थी,
जो ग़म में भी हमें खुश कर जाती थी।
हमारी सादगी ही हमारा स्वैग है,
दिखावा हमसे नहीं होता।
नाम की भी एक कीमत होती है,
जब लोग तुम्हारा नाम लेकर जलें, तब समझो तुम कुछ बने हो।
खुद को बेहतर बनाना पसंद है,
किसी को गिराना हमारी फितरत नहीं।
दुनिया को दिखाने के लिए स्टाइल नहीं मारता,
मैं जैसा हूं, बस वैसा ही हूं।
सिर्फ कपड़ों से नहीं,
रुतबे से भी पहचाने जाते हैं हम।